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वैश्विक स्तर के प्रभावों से निपटने में सक्षम है भारतीय अर्थव्यवस्था: RBI गवर्नर
Shantanu Roy
17 Nov 2024 4:39 PM GMT
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Kochi. कोच्चि। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर होने वाले किसी भी तरह के प्रभावों से निपटने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है। शक्तिकांत दास ने कोच्चि इंटरनेशनल फाउंडेशन के शुभारंभ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "आज भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास स्थिरता और मजबूती की तस्वीर को पेश कर रहा है।" उन्होंने कहा कि देश का बाहरी क्षेत्र भी मजबूत है और चालू खाता घाटा (सीएडी) प्रबंधनीय सीमाओं के भीतर बना हुआ है, जो वर्तमान में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत है। इससे पहले, 2010 और 2011 में यह छह से सात प्रतिशत के बीच था। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी बताया, "भारत के पास 675 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है।
देश में मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसकी दर मध्यम रहने की उम्मीद है।" उन्होंने मुद्रास्फीति की तुलना एक हाथी से करते हुए कहा कि भारत की खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में 5.5 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 6.2 प्रतिशत हो गई। अब हाथी टहलने के लिए कमरे से बाहर चला गया है, तो फिर वह जंगल में वापस चला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो मुद्रास्फीति बढ़ी, लेकिन आरबीआई ने कुछ अन्य देशों के विपरीत सही मौद्रिक नीति का पालन किया और कीमतों को नियंत्रण में रखने में कामयाब साबित हुआ। उन्होंने आगे कहा, "हमने भारत में जो नहीं किया, वह भी महत्वपूर्ण है। आरबीआई ने नोट प्रिंट नहीं किए, क्योंकि अगर हम नोटों की छपाई शुरू करते हैं, तो हम जिन समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं, उनका विस्तार होगा और उन्हें संभालना असंभव हो जाएगा। कई देशों में मुद्रास्फीति गहरी जड़ें जमा चुकी है, लेकिन हमारे यहां यह कम हो रही है।" शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने अपनी ब्याज दर 4 प्रतिशत रखी है, इसलिए रिकवरी बहुत आसान हो गई है।
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Shantanu Roy
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